भालू की कहानी। “द बेयर स्टोरी”
एक बार एक महिला थी जो एक पुराने मनोर-घर में रहती थी । एक बड़े जंगल की सीमा। इस महिला के पास एक पालतू भालू था अत्यंत शौकीन। यह जंगल में पाया गया था, आधा मृत भूख, इतनी छोटी और लाचार कि उसे पाला जाना था महिला और बूढ़े रसोइए द्वारा बोतल पर। यह कई था । वर्षों पहले और अब यह एक बड़े भालू के रूप में बड़ा हो गया था, इतना बड़ा और मजबूत कि वह एक गाय को मार सकता था और उसे ले जा सकता था। अगर वह चाहता तो अपने दोनों पंजों के बीच से दूर। लेकिन उसने किया । नहीं चाहता; वह सबसे मिलनसार भालू था जो सपने नहीं देखता था। किसी को, आदमी या जानवर को नुकसान पहुँचाने की। वह बाहर बैठा करता था। उसकी केनेल और उसकी छोटी बुद्धिमान आँखों से सबसे ज्यादा देखो पास के खेत में मवेशियों के चरने पर सौहार्दपूर्ण ढंग से। तीन अस्तबल में झबरा पहाड़ी टट्टू उसे अच्छी तरह से जानते थे और जब वह अस्तबल में घुसा तो ज़रा भी परवाह नहीं की उसकी मालकिन के साथ। बच्चे उसकी पीठ पर सवार होते थे और एक से अधिक बार अपने शयनागार में सोते पाए गए थे । उसके दोनों पंजों के बीच। तीनों कुत्तों को हर तरह का खेलना बहुत पसंद था उसके साथ खेल, उसके कान और उसकी